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फिर अफसर / पंकज सुबीर
Kavita Kosh से
सब के सिर से सिर मिले हुए हैं
एक ही सुर में हिल रहे हैं
हर बात पर
देने के लिए
स्वीकारोक्ति
शायद फिर कोई अफसर
आया है दौरे पर