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फिर भी / शुभा
Kavita Kosh से
एक लम्बी दूरी
एक आधा काम
एक भ्रूण
ये सभी जगाते हैं कल्पना
कल्पना से
दूरी कम नहीं होती
काम पूरा नहीं होता
फिर भी
दिखाई पड़ती है हंसती हुई
एक बच्ची रास्ते पर