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फिर / रोज़ा आउसलेण्डर
Kavita Kosh से
फिर
जब नए सिरे से
शुरू हुई समय की गिनती
शब्दों के हिमनद पिघल गए
साँस लेने में आसानी हुई
बहुत पुरानी भाषा है यह
जो फिर से किशोर रूप धरकर
आई है हमारे पास
फिर होश में आई है
घायल थी जो
हमारी जर्मन भाषा
रूसी भाषा से अनिल जनविजय द्वारा अनूदित