♦ रचनाकार: अज्ञात
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फुल्लां दी बहार राती आयों न
शाव्वा राती आयों न
फुल गये कुम्ला गोरी मन भायो न
शाव्वा राती आयों न
आसे पावां पासे पावां विच विच पावां कलियाँ
जे मेरा रान्जण न मिलया, मैं ढुंडियां सारियां गालियाँ
आसे पावां पासे पावां विच विच पान्वां रेशम
जे मेरा रान्जण न मिलया मैं ढूंडा सारा टेशन
राती आयों न ...
इक मेरा रान्जण आया-शाव्वा
दिल दा सांजण आया-शाव्वा
दिल दी मस्ती आई- शाव्वा
खिड़ खिड़ हस्दी आई-शाव्वा
इक मेरा लाल गवाचा- शाव्वा
लाल गुपाल गवाचा-शाव्वा
नी सुण मेरिये माए-शाव्वा
दीवा बाल चुबारे-शाव्वा
नी मेरा दिल घबराया-शाव्वा
नी मेरा लाल न आया-शाव्वा
लाल गुपाल न आया-शाव्वा
राती आयों न...