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फूल गेंदवा न गे / अंगिका

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सबहिं गभरवां मलिनियां गे- लाले- लाले फूल गेंदवा न गे।
शीतल माय गभरवां न मालिन गे- उलटी नहीं ताकले न गे
शीतल माय गभरवां न।
जनुमत जानिहँ मलिनियां गे- शीतल छै निरबुधिया न गे।
कि हरिए न लियतौ न मालिन गे- गोदी केरोॅ बालकवा न गे।
हरिए न लियतौ न।
सबहिं गभरवां मलिनियां गे- लाले-लाले फूल गेदवा न गे।
मालत माय गभरवां न- मालिन गे उलटी नहीं ताकले न गे।
मालत माय गभरवां न।
जनुमत जानिये मालिनियां गे- धनसर छैई निरबुधिया न गे।
हरिए न लियतौ न।
मालिन गे अगला जोड़ी बैलवा न गे।
हरिए न लियतौ न।
सबहिं गभरवां मलिनियां गे- लाले-लाले फूल गेंदवा न गे।
फूलसर माय गभरवां न- मालिन गे उलटी नहीं ताकले न गे।
फूलसर माय गभरवां न।
जनुमत जानियै मालिनियां गे- फूलसर छैई निरबुधिया गे।
हरिए न लियतौ न।
सबहिं गभरवां मलिनियां गे- लाले-लाले फूल गेंदवा न गे।
कालि माय गभरवां न- मालिन गे उलटी नांही ताकले न गे।
कालि माय गभरवां न।
जनुमत जानिये मलिनियां गे- कालि छैई निरबुधिया न गे।
हरिए न लियतौ न- मालिन गे अनॅ धनॅ समपतिया न गे।
हरिए न लियतौ न।
तोहरोॅ मनौनमा सभ्भे मैयो हे- गावी केॅ सुनौउलौं हे माता सुनो।
सुनो हे माता हृदय लगाइये। हे माता सुनो।