मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
फूल फूले सदा कृष्णफूल रे, ओहि केओरे के बाग मे
घोघट उघारी कऽ छिनरो के देखियनु
पूआ समान दुनू गाल रे, ओहि केओरे के बाग मे
चोलिया उघारिकऽ छिनरो के देखियनु
नेबो-नारंगी सन गोल रे, ओहि केओरे के बाग मे
घघरा उघारिकऽ छिनरो के देखियनु
दुतियाक चान उगि गेल रे ओहि केओरे के बाग मे
फूल फूले सदा कृष्णफूल रे, ओहि केओरे के बाग मे