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फूल बाँटोॅ गंध बाँटोॅ बगान कैन्हें बाँटै छो / बैकुण्ठ बिहारी
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फूल बाँटोॅ गंध बाँटोॅ बगान कैन्हें बाँटै छो
गइया केरोॅ दूधो बाँटोॅ बथान कैन्हें बाँटै छो
एक्के मालिक के नाम राम, खुदा आरो ईशु
मन्दिर बाँटोॅ मस्जिद बाँटोॅ भगवान कैन्हें बाँटै छोॅ
धर्मो के तीर सें वेधोॅ नै दिल भय्यारी के
तान बाँटोॅ गान बाँटोॅ इन्सान कैन्हें बाँटोॅ छोॅ
यहाँ औतार हुवै गोविन्द, शिवा, गाँधी के
खेत बाँटोॅ रेत बाँटोॅ खलिहान कैन्हें बाँटै छोॅ
लहरी-लहरी सरंगोॅ में फूँकै जे शंख मिल्लत के
आन बाँटोॅ शान बाँटॉे निशान कैन्हैं बाँटै छोॅ
कन्या कश्मीर तलक बिहारी छै आपने धरती
भक्ति बाँटोॅ युक्ति बाँटोॅ हिन्दुस्तान कैन्हंे बाँटे छोॅ