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फूल हमे हँसने को कहते / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
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					फूल हमें हँसने को कहते, 
कोयल गाने को कहती। 
रंग-बिरंगे कपड़े पहनो, 
तितली भी हमसे कहती। 
मेंढक कहता, उछले, कूदे, 
चिड़िया उड़ने को कहती। 
लहरों में आओ हम तैरे, 
पानी की मछली कहती।
	
	