भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फेरों-कन्यादान का गीत / 6 / राजस्थानी
Kavita Kosh से
राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
चंवरी का गीत
रतना घर चवर्या सिग चढ़, इण चवर्याम शिवजी पधार्या।
बाई पारबती रा भरतार।
रतना घर चवर्या सिग चढ़, इण चवर्याम गजानंदजी पधार्या।
बाई रिद्ध सिद्ध रा भरतार।
नोट- इसी प्रकार बेटी जंवाई का नाम लें।