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फौज के दम पै बुश नै / रणवीर सिंह दहिया

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नफेसिंह उसका दोस्त अमर और तीन-चार इराक निवासी आपस में चरचा कर रहे हैं। नफे सिंह कहता है कि अमरीका इराक पर हमला करके उसके तेल के श्रोतों पर कब्जा करना चाहता है और पूरे एशिया में अमरीका हितों को आगे बढ़ाना चाहता है। सद्दाम हुसैन को हटाकर अपनी पिट्ठू सरकार थोंपने का मंसूबा अमरीका ने बना लिया लगता है। इराक के बाद उत्तरी कोरिया को भी सबक सिखाने का ऐलान किया है। असल में अमरीका पूरी दुनिया में अपना गलबा कायम करना चाहता है। क्या बताया कवि ने:

फौज के दम पै बुश नै अमरीका नम्बर एक बनाया॥
चौदहा लाख सतरा हजार का मिलट्री बेड़ा कसूत सजाया॥

चालीस तै लेकै आज ताहिं का पैंटागन का खरचा गिणाउं
उन्नीस ट्रिलियन डालर खर्चे सुनियो सब खोल सुणाउं
आगले चार साल मैं एक ट्रिलियम डालर खर्च बताउं
सारी दुनिया मुट्ठी मैं करले झुकते सबके सिर दिखाउं
बोल्या खबरदार जो किसै नै म्हारे कामां मैं रोड़ा अटकाया॥

अमरीका क्ै सरमाये दारां की जंगी फौज रूखाल करैगी
इनक्ै मुनाफै बचावण नै या दुनिया नै कंगाल करैगी
इन बरगे हथियार जिनपै उनकी पूरी पड़ताल करैगी
कर दुनिया की मण्डी काबू अमरीका नै मालोमाल करैगी
पैंटागन क्ै धेंास पै संसार के म्हां लंगोट घुमाया॥

जंग की मशीनां उपर खरचा इसनै खूब बढ़ाया आज
चार सौ बिलियन डालर का खरचा बजट बनाया आज
जिन देशां नै बी आंख उठाई उनको सबक सिखाया आज
अमरीका नै दुनिया ताहिं मानवता का पाठ पढ़ाया आज
बुश बोल्या जाहिल जगत तै विकास का सबका सिखाया॥

एक की उसे बात पर देखी खूब लड़ाई करती रै
दूजे की उसे बात पर देखी घणी बुराई करती रै
कई बै जालम फौज उसकी घणी अंघाई करती रै
दूजे के हथियार देखैं ना अपनी सफाई करती रै
रणबीर सिंह साची लिखै ना झूठा का साथ निभाया॥