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बँटा हुआ तन / होर्हे एदुआर्दो आइएलसन / अनिल जनविजय

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जब मेरा
आधा बदन मुस्कुराता है
तो बाक़ी आधा तन
उदासी से भर जाता है
और जैसे मछली के शल्क-कवच अज्ञात
मेरे बालों में लिथड़े होते हैं ।

मैं मुस्कुराता हूँ
और रोता हूं
बिना यह जाने कि क्या वे मेरी भुजाएँ हैं
या मेरे पैर
जो रोते हैं या मुस्कुराते हैं ।

बिना यह जाने कि यह मेरा सिर है या नहीं
मेरा हृदय या मेरी शिश्न-मुण्ड ही
यह तय करता है कि मैं मुस्कराऊँगा
या दुखी रहूँगा ।

मछली की तरह नीला मैं
गंदे या साफ़ चमकदार पानी में चलता हूँ
बिना यह सोचे कि क्यों
मैं सिसकने लगता हूँ

जब मैं मुस्कुराता हूँ,
फिर-फिर मुस्कुराता हूँ
और उसी समय सिसक रहा होता हूँ ।

मूल स्पानी से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब यही कविता मूल स्पानी में पढ़िए
Jorge Eduardo Eielson
Cuerpo Dividido

Si la mitad de mi cuerpo sonríe
La otra mitad se llena de tristeza
Y misteriosas escamas de pescado
Suceden a mis cabellos.

Sonrío y lloro
Sin saber si son mis brazos
O mis piernas las que lloran o sonríen

Sin saber si es mi cabeza
Mi corazón o mi glande
El que decide mi sonrisa
O mi tristeza.

Azul como los peces
Me muevo en aguas turbias o brillantes
Sin preguntarme por qué
Simplemente sollozo

Mientras sonrío y sonrío
Mientras sollozo