भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बँट गये हम हिन्दू मुसलमान में / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
Kavita Kosh से
बँट गये हम हिन्दू, मुसलमान में।
है अधिक झगड़ा हिंदुस्तान में।।
धर्म निरपेक्ष भारत देश हमारा।
है लिखा भारत के संविधान में।।
क्यों लडे मन्दिर मस्जिद के लिये।
ईश्वर खुदा का वास है इंसान में।।
हम सभी पहले इक इंसान बने।
जा बसे हम सबके दिलो जान में।।
सबसे दुर्लभ मानव जीवन है यहाँ
फ़र्क बस है निर्धन व धनवान में।।