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बंदौं राधा-पद-कमल अमल सकल सुख-धाम / हनुमानप्रसाद पोद्दार

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बंदौं राधा-पद-कमल अमल सकल सुख-धाम।
जिन के परसन हित रहत लाला‌इत नित स्याम॥
जयति स्याम-स्वामिनि परम निरमल रस की खान।
जिन पद बलि-बलि जात नित माधव प्रेम-निधान॥