बंदौ गुरु गनेस शेष और सारदा।
महादेव महावीर मुनी सुर नारदा।
कृपा करो जन जान हरौ अज्ञानता।
होय सुभत परगास भगत उर मांगता।
जुग-जुग गये अचेत समुझु नांही परी।
संतन कियो ऊबार कुमत मन की हरी।
कृपासिंध भगवान कृपा जन रहत है।
जूड़ी आयो सरन दीप हो कहत है।