Last modified on 2 जुलाई 2010, at 12:47

बकरियों ने देखा जब बुरूँस वन वसन्‍त में / वीरेन डंगवाल


लाल-झर-झर-लाल-झर-झर-लाल
हरा बस किंचित कहीं ही जरा-जरा
बहुत दूरी पर उकेरे वे शिखर-डांडे श्‍वेत-श्‍याम
ऐसा हाल!
अद्भुत
लाल!
बकरियों की निश्‍चल आंखों में
खुमार बन कर छा गया
आ गया
मौसम सुहाना आ गया
00