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बचपन - 6 / हरबिन्दर सिंह गिल
Kavita Kosh से
कितना अच्छा हो
यदि मानव अपने बचपन से
कुछ आगे कदम बढ़ा
याद करने की कोशिश करे
मानवता के बचपन को।
वो पाये-गा
उसका भविष्य और वर्तमान दोनों ही
इसी अज्ञानता के कारण
अंधकार में पड़े हुए हैं
क्योंकि मानवता के बचपन में
उसे दिखाई देगी
एक सूरत
माँ की
जिसका नाम मानवता है।