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बचपन / इराक्ली ककाबाद्ज़े / राजेश चन्द्र
Kavita Kosh से
आह, कितनी दूर
आ गया मैं,
उस बचपन से
जब भाग निकलता था
आँख बचा कर
स्कूल से जंगल की तरफ़
और थक कर चूर हो जाता था
भाग-भाग कर
माँ की डाँट से बचते हुए...
अँग्रेज़ी से अनुवाद : राजेश चन्द्र
लीजिए, अब इसी कविता का जार्जियाई भाषा से अँग्रेज़ी अनुवाद पढ़िए
Irakli Kakabadze
Oh, how I long,
as when I was a child,
To sneak away
from school to the forest
And exhausted from running,
For my mother to scold me . . .
Translated from Georgian by Mary Childs