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बच्चा अपने सपनों में राक्षस नहीं होता / शरद कोकास
Kavita Kosh से
बच्चों की दुनिया में शामिल हैं
आकाश में
पतंग की तरह उड़ती उमंगें
गर्म लिहाफ़ में दुबकी
परी की कहानियाँ
लट्टू की तरह
फिरकियाँ लेता उत्साह
वह अपनी कल्पना में
कभी होता है
परीलोक का राजकुमार
शेर के दाँत गिनने वाला
नन्हा बालक भरत
या उसे मज़ा चखाने वाला खरगोश
लेकिन कभी भी
बच्चा अपने सपनों में
राक्षस नहीं होता ।