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बच्चा बुतरू केॅ भेजें इस्कूल गे / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
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बच्चा बुतरू केॅ भेजें इस्कूल गे
पढ़ि ले तौ॥टेक॥
नै भेजवें इस्कूल तेॅ पीछू पछतैवें
रही जैतौ मूरख गँवार गे
गारि देतौ।
मूरख बेटवा से गारी सुनवें
जैतौ दिल्ली पंजाब गे
चिठियोॅ नै भेजतौ
पढि-लिखी केॅ अफसर बनतौ
धनी मानी अइतौ तोरोॅ द्वारगे
मान पैतौ।
बड़ोॅ-बड़ोॅ लोग तोरोॅ घरोॅ में अइतौ
रुपया-पैसा सेॅ भरी जैतौ घोॅर गे
सुख पैतोॅ।