भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बच्चा मेरा हो प्रथम / अनुराधा पाण्डेय
Kavita Kosh से
बच्चा मेरा हो प्रथम, चमके उसका नाम।
है अहमक तो क्या हुआ, रहूँ न मैं बदनाम॥
रहूँ न मैं बदनाम, पढूं मैं उसके बदले।
किसकी कहो! मजाल, बुरा अब मुझको कह ले।
फन्ने खाँ का पुत्र, कहो! क्यों होगा कच्चा।
आखिर मेरा खून, कनक-सा मेरा बच्चा।