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बच्चे उठ कर मेरी ओर / नवीन सागर
Kavita Kosh से
बच्चे लौट आए
बच्चों ने गाना नहीं गाया
खाना खाया
और अपने ऊपर ढह गए।
उनके सपने
मेरी बंद आँखों में आकर
इस दुनिया के बाहर जाना चाहते हैं
पर कुछ रह गया है उनका
इस तरह
मेरी बंद आँखों में रह गए हैं।
मैं ईश्वर नहीं हूँ
ये बच्चे मेरे कारण हैं
और ये जानते हैं कि मरा नहीं हूँ।
अँधेरा करके छिप गया हूँ
रात ही रात है
बच्चे उठ कर मेरी ओर
आ रहे हैं लगातार
पूरे संसार में बाहर
भागता हुआ मैं दिख नहीं रहा हूँ।