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बच्चे नहीं जानते / गोविन्द माथुर
Kavita Kosh से
दबे पाँव आना
किसे कहते हैं
ये जानती है-बिल्ली
चौकन्नी! बिना आवाज़ किए
आपके पास आकर
बैठ जाती है-बिल्ली
बिल्ली धैर्य से
प्रतीक्षा करती है
घर की स्त्री के चूक जाने की
झन्न...न्न...न
कोई बर्तन गिरता हैं
रसोईघर में
स्त्री समझ जाती है
आज फिर जीत गई-बिल्ली
बच्चे खुश होते हैं
बिल्ली को देख कर
बच्चे नही जानते
उनका दूध पी जाती है-बिल्ली