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बच्चों का मन होता है। / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
दीवाली में चले फुलझड़ी,
बच्चों का मन होता है।
खुशियाँ हैं बस घडी दो घडी,
बच्चों का मन होता है।
बम पटाखे भले न आएं,
पर चकरी लाएं पापा।
छोटो गुड़िया अड़ी लड़ पड़ी
,बच्चों का मन होता है।
पापाजी ने ना ना कर दी,
पर दादी ने हाँ कह दी।
दादाजी चल दिए ले छड़ी,
बच्चों का मन होता है।
दीप जलाओ मिट्टी वाले,
तेल और बाती वाले।
नई मांग बस यही चल पड़ी,
बच्चों का मन होता है।
बड़की दीदी बम पटाखे,
खुद ही जाकर ले आई।
दीदी तो है बड़ी नकचढ़ी,
बच्चों का मन होता है।