बच्चों को यतीम छिड़ देती है मौत
जिंदों के दिलों को तोड़ देती है मौत
कुछ चलती नहीं किसी की इनके आगे
मग़रूर सरों को फोड़ देती है मौत।
बच्चों को यतीम छिड़ देती है मौत
जिंदों के दिलों को तोड़ देती है मौत
कुछ चलती नहीं किसी की इनके आगे
मग़रूर सरों को फोड़ देती है मौत।