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बच्चो तुम हो कितने प्यारे / नीरजा हेमेन्द्र
Kavita Kosh से
बच्चों तुम हो कितने प्यारे, सारे जग से न्यारे तुम,
सूरज के किरणों के जैसे सदा रहो उजियारे तुम।
अच्छाई का साथ न छोड़ो, करो बड़ों की सेवा तुम,
सदा रहोगे आगे बढ़ते, पाओगे फल मेवा तुम।
मात-पिता की बातें सुनना, बचपन खेल-खिलौने, पढ़ना,
ज्ञान, बुद्धि की बातें सीखो, सीखो आगे बढ़ते रहना।
गुरूजनों का कहना मानों, उनकी सीख सदा तुम जानो,
ले जायेंगे ज्ञान के पथ पर, गुरू तुम्हारी बाहें थामें।
रंग बिरंगे पुष्पों जैसे, तुम हो प्यारे न्यारे तुम,
बच्चों तुम हो कितने प्यारे, सारे जग से न्यारे तुम।