बछरा की लै पूँछ कर पकरि भजावत ताहि।
पाछे-पाछे सखन-सँग ताके भाजत जाहिं॥
नित नूतन कीड़ा करत बालक श्रीब्रजचंद।
देत-लेत आनंद नित सच्चित-आनँद-कंद॥
बछरा की लै पूँछ कर पकरि भजावत ताहि।
पाछे-पाछे सखन-सँग ताके भाजत जाहिं॥
नित नूतन कीड़ा करत बालक श्रीब्रजचंद।
देत-लेत आनंद नित सच्चित-आनँद-कंद॥