पँवारी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बजत चल्या ओका बजीतर रे भाई
किलकत चल्या नगरी का लोग रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
उड़त चल्या ओका निशान रे भाई
नाचत चली जोड़ा मोर रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
काराज खेतऽ की पीपरी रे भाई
वहाँ मची रन जूझ रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।