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बजरंगी छी बड़ बलवान, के नई जानैए / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बजरंगी छी बड़ बलवान, के नञि जानैए
फानि सिंधु सीता सुधि लाओल, बनल रामक प्राण
के नञि जानैए
देल खसाय औंठी रखलौं अहाँ, दुखी सीया केर जान
के नञि जानैए
खाय सुफल बाटिका उजारल, दसमुख के तोड़ल शान
के नञि जानैए
डाहल सोनाक लंकागढ़, छोड़ि विभीषण के द्वार
के नञि जानैए
लाय संजीवन लखन जिआओल, से कोना करू गुणगान
के नञि जानैए
सकल भक्त के सब दुख हारन, अंजनि सुत हनुमान
के नञि जानैए
विकल ठाढ़ सेवक छी हमहूँ, दीन अनन्त अज्ञान
के नञि जानैए
बजरंगी छी बड़ बलवान, के नञि जानैए