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बटोहिया / आर० इशरी 'अरशद'
Kavita Kosh से
बाट पुछइ बटोहिया से
तोहर कोउना गुरु
उज्जरी वस्तर
उज्जरी मनमा
उजरे चरणमा
उजरे वचनमा
ओ ही हमर गुरु
बाटो हम्मर गुरु
बाट पुछइ बटोहिया से
तोहर कउना गुरु
माथे मुकुटवा विरायतन के
गले चन्दन माला
सवे संतन बोलाइ कहे
साधो एके उजियारा
ओ ही हम्मर गुरु
बाटो हम्मर गुरु
बाट पुछइ बटोहिया से
तोहर कउना गुरु
तन हर दिनी
मन हर दिनी
जग तज दिनी
पइली अमर मुनी
ओ ही हम्मर गुरु
बाटो हम्मर गुरु
बाट पुछइ बटोहिया से
तोहर कउना गुरु