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बड़ा दुख से पीड़ित / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना
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बड़ा दुख से पीड़ित इहां के नारी हए।
केतना जुग से इहे खेल जारी हए॥
भोगे के परत सबके अप्पन करनी के फल।
हाइ हमर त काल्ह तोहर बारी हए॥
जभिओ अजमइली त निकलल दगाबाज।
तइयो ओकरा से कहला भारी हए॥
अपना पर परल त ओकरा पर फेकली।
सोचू, इहो कइसन जिम्मेवारी हए॥
सीता मइया के धरती पर जनम लेली।
तभियो लरिकी आइयो तक भारी हए॥