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बड़ी- बी और अली मियाँ-6 / अनिरुद्ध उमट
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अंतिम बार :
बरसों से सूखे
कंठ के कुएँ में
कोई तस्वीर धुँधली-सी
है फड़फड़ाती
किसी दिन
नहीं होगी
यह भी
तब क्या मुझे ही
अंतिम बार
कूदना होगा