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बड़ी गुण आगरी बढ़ी चतुराइन गे रजनी / राम शर्मा 'अनल'

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बड़ी गुण आगरी बढ़ी चतुराइन गे रजनी
तोरोॅ लटफेरा में सभ्भे समैलें गे रजनी
कतेॅ समदर्शी तोहें कतेॅ गुरुवाइन गे रजनी
महानिशा महाशिव तोरे सब नाम गे रजनी

एक पख रूप तोरोॅ चकमक चनरिया गे
दोसर पख रूप तोरोॅ गुजगुज अन्हरिया गे
रंग रंग भेष धरी खेलैं नया खेल गे रजनी
भूलभुलैया में सभ्भे समैलै गे रजनी

खोपा में महामोद गमकै सेफाली गे
अँचरा में झलमल जुगनू रोॅ जाली गे
सीथी से झलमल तारा करै झलामोर गे रजनी
लागै जेना गौना करी अइये तोहे ऐलैंगे रजनी

एक पहर देखै में भोगिन के रूप गे
दोसर पहर ठीक जेना जोगिन के रूप गे
निशिभगि कारा रात सजै तोर मंच गे रजनी
योग भोग एक्के साथ केना सिखाबैं गे रजनी

अँचरा ओढ़ाय रोज योग सिखाबैं गे
सेजिया बिछाय केॅ भोग बताबै गे
गेठी में बाँधै केना सुरुज भगवान गे रजनी
अनल पानी एक्के साथ केना समैटैं गे रजनी