बड़े प्यार से मिलना सबसे दुनिया में इंसान रे / भरत व्यास
बड़े प्यार से मिलना सबसे
बड़े प्यार से मिलना सबसे
दुनिया में इनसान रे
क्या जाने किस भेस में बाबा मिल जाए भगवान रे
कौन बड़ा है कौन है छोटा
कौन बड़ा है कौन है छोटा
ऊँचा कौन और नीचा
प्रेम के जल से सभी को सीचा यह है प्रभू का बग़ीचा
प्रेम के जल से सभी को सीचा यह है प्रभू का बग़ीचा
मत खींचों तुम दीवारें
मत खींचों तुम दीवारें
इनसानों के दरमियान रे
क्या जाने किस भेस में ...
ओ महंत जी
ओ महंत जी
तुम महंत जी खोज रहे उन्हें मोती की लड़ियों में
प्रभू को मोती की लड़ियों में
कभी उन्हें ढूँढा क्या ग़रीबों की अँतड़ियों में
कभी उन्हें ढूँढा क्या ग़रीबों की अँतड़ियों में
दीन जनों के अँसुवन में
दीन जनों के अँसुवन में
क्या कभी किया है स्नान रे
क्या जाने किस भेस में ...
क्या जाने कब श्याम मुरारी आ जावे बन कर के भिखारी
क्या जाने कब श्याम मुरारी आ जावे बन कर के भिखारी
लौट न जाए कभी द्वार से
लौट न जाए कभी द्वार से
बिना लिए कुछ दान रे
क्या जाने किस भेस में ...