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बताओ तुम कब आयेगा हमारे साथ का मौसम / आरती कुमारी

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बताओ तुम कब आयेगा हमारे साथ का मौसम,
हमारे प्यार का मौसम भरे जज़्बात का मौसम,

सुनो मजबूरियों से कह दो हमको यूँ न तरसायें
चला जाये न हमसे रूठकर बरसात का मौसम

ज़रा सी बात पे हमदम ख़फ़ा क्यूंकर तू होता है
न दे ऐसे मेरे दिल को नए सदमात का मौसम

मुझे मालूम है तुम रोओगे मुझको भूला करके
तुम्हारे लब पे होगा दर्द के नग़मात का मौसम

तुम्हे तो हक़ दिए सारे मोहब्बत में मेरे हमदम
कभी तुम दरम्यां लाना नहीं आफ़ात का मौसम