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बदनाम होते हैं पत्थर / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
जब भी
टूटता है शीशा
या टूटती है
जल की शांति
बदनाम होते हैं
पत्थर...
क्योंकि
देखते नहीं कहीं
फेंकने वाले हाथ