बदलगे विचार बदी मैं नीत टेक ली / मेहर सिंह
वार्ता- प्रिय सज्जनों! पवन पूरी रात अंजना के साथ गुजार कर दिन निकलने से पूर्व ही वापिस चला जाता है तथा अंजना से अपनी इस मुलाकात का भेद किसी को भी न बताने का वायदा ले लेता है। अंजना गर्भवती हो जाती है। एक दिन बांदी अंजना के महल में आती है तो वह अंजना की स्थिति को भांप जाती है। बांदी राजमहल में जाकर पवन की माता को क्या कहती है-
महल दुहागी मैं जित अंजना तेरी बहू एकली।
बदलगे विचार बदी मैं नीत टेक ली।टेक
घणे दिनां मैं आज मेरा उड़ै होग्या जाणा री
अंजना की खातिर मैं ले कै पहुंची खाणा री
समझ लिए मनै स्याणी उसकी बात देख ली।
बारा साल हुऐ तेरा बेटा जा रहा बाहर सै
ओपरे मर्द की महल मैं आहर जाहर सै
बोया कोन्या क्यार सै महलां मना मेख ली।
चक्कर से आवैं सैं दखे उसका काल बोलता
माथा रहया भड़क गात सारा डोलता
पेट भेद खोलता कितै निगाह सेक ली।
दे कै तार मेहर सिंह नै बुलवा ले छुट्टी
न्यू लिख दे तेरी बहु तै तेरी किस्मत फूटी
कानां सुणी तै हो सै झूठी पर मनै आंख्या देख ली।