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बदलो / महेन्द्र भटनागर

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सड़ती लाशों की

दुर्गन्ध लिए
छूने
गाँवों-नगरों के
ओर-छोर
जो हवा चली _
उसका रुख़ बदलो!
ज़हरीली गैसों से
अलकोहल से
लदी-लदी
गाँवों-नगरों के
नभ-मंडल पर
जो हवा चली
उससे सँभलो!
उसका रुख़ बदलो!