बनारस-1 / निलय उपाध्याय
कितना बनारस बचा है बनारस में
कितनी गंगा बची है बनारस की गंगा में
मनेरी
उतर काशी टिहरी गढ़कोटेश्वर
ऋषिकेश और हरिदवार में वर्षों तक बँधे रहने
और बिजली निकल जाने के बाद जितना बचा है
पानी में गुण-धर्म गंगा का
उतना ही बचा है
इस देश में भारत
हरिद्वार में बँटवारे के बाद
हर की पौडी में पूजी गई..दिल्ली ले जाई गई
और बहती रही लोगो की प्यास से अधिक
शौच घरों मे,
और जितनी बची गंगा
उतनी बची है दिल्ली मे दिल्ली
गर्दन में रस्सी बाँध कर
अनेरिया गाय-सी हर आश्रम के
दरवाज़े-दरवाज़े चक्कर काटती जितनी बची गंगा,
बेरहमी से उलीचा गया खेत-खेत, जितनी बची गंगा,
जितनी बची
नरोरा के एटमिक प्लाण्ट से निकलने के बाद
बस उतना ही बचा है अब उत्तर प्रदेश
जितनी बची है
जीवन में नैतिकता
बस उतनी ही बची है गंगा
उतना ही बचा है बनारस
कन्नौज में राम-गंगा और काली नदी
कानपुर के भोथरे छुरे की धार से चालीस नाले
लखनऊ की पाण्डु नदी
और कोढ़ में
खाज-सी दिल्ली की यमुना
यह मिथकों के टूटने का समय है
विचार विचारों को प्रदूषित कर रहे हैं
नगर नगरों को प्रदूषित कर रहे हैं
और नदियाँ
नदियों को
बाज़ार में जितनी हया बची है
जितना बचा है आँख में पानी
बस उतनी ही बची है
बनारस में गंगा
उतना ही बचा है बनारस में बनारस