भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बनारस-3 / निलय उपाध्याय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पाट गंगा का
तट गंगा का
और ये घाट किसके हैं ?

ये अस्सी,
ये गंगामहल और रीवां,
ये तुलसी, भदैनी, जानकी
ये आनन्दमयी, जैन, पँचकोट, प्रभु, चेतसिंह
ये अखाड़ा निरंजनी, निर्वाणी, शिवाला, गुलरिया, दण्डी, हनुमान
ये मैसूर, हरिश्चन्द्र लाली केदार-चौकी, क्षेमेश्वर
ये मानसरोवर, नारद, राजा, गंगा-महल, पाण्डेय-घाट, दिगपतिया
ये चौसट्टी, राणा-महल, दरभंगा, मुंशी
और अहिल्याबाई घाट किसके है

पानी गंगा का.,
धार गंगा की
और ये घाट किसके है ?

ये शीतला
ये प्रयाग, दशाश्वमेघ, राजेन्द्र प्रसाद
ये मानमन्दिर, त्रिपुर भैरवी, मीरघाट
ये ललिता, मणिकर्णिका, सिन्धिया, सँकठा
ये गंगामहल, भोंसले
और गणेश-घाट किसका है

बाट गंगा का,
हाट गंगा का
और ये घाट किसके है ?

ये रामघाट
ये जटार, ग्वालियर, बालाजी
ये पँचगंगा, दुर्गा, ब्रह्मा, बूँदी परकोटा
ये लाल, गाय, बद्री नारायण
ये त्रिलोचन, नन्देश्वर, तेलिया-नाला
ये नया, प्रह्लाद, रानी, भैंसासुर
और राजघाट किसका है

राष्ट्रीय ध्वज है तिरंगा
राष्ट्रीय नदी है गंगा

राष्ट्रीय ध्वज झुके तो अपमान हो जाता है
सज़ा हो जाती है और गंगा जो राष्ट्रीय नदी है
हर घाट पर पानी पिलाती है
शौच और दातून कराती है,
स्नान कराती है
सबके कपड़े धोती है
जाती है साथ-साथ मन्दिर भी
करा देती है कभी-कभी नौका-विहार भी

क्या कहें
किससे कहें
भांग, बनारस की राजा है,
लस्सी बनारस की रानी है
गंगा तो बस नौकरानी है
यह मिथकों के टूटने का समय है