भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बना के अँगना गेंदी फूल कुसुंभ रंग फीकौ लागौ रे / बुन्देली

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बना के अँगना गेंदी फूल कुसुंभ रंग फीकौ लागौ रे
बना के आजुल सजी है बरात सजन घर हलचल कंपै रे।
बना के सज गए तबल निसान पतुरिया ठमुका नाचै रे।
बना के दारू गोला साथ हवाई छूटत जावै रे।
बना के बाबुल सजी है बरात सजन घर हलचल कंपै रे।
बना के सज गए तबल...हवाई छूटत जावे रे।