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बना के गीत / 4 / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
बन्ने के नैना जादू के बान, बन्ने के नैना जादू के बान
मैं वारी-वारी जाऊं रसिया, मैं वारी-वारी जाऊं रसिया।
शीश रेशम की पगिया सोहे, मोर पंख की है सिरमोर
मैं वारी-वारी जाऊं रसिया, मैं वारी-वारी जाऊं रसिया।
कान बन्ने के कुंडल सोहे, मोतियन की है चमकार
मैं वारी-वारी जाऊं रसिया, मैं वारी-वारी जाऊं रसिया।
श्याम बदन पर पियरो जामा, मुनिमन हरत लुभान
मैं वारी-वारी जाऊं रसिया, मैं वारी-वारी जाऊं रसिया।
संग सोहे राजो की बेटी, रुक्मिनी बाम बखान
मैं वारी-वारी जाऊं रसिया, मैं वारी-वारी जाऊं रसिया।