बने विश्व की भाषा हिंदी / शम्भुनाथ तिवारी
बने विश्व की भाषा हिंदी। हम सब की अभिलाषा हिंदी।
भारत की गौरव-गरिमा का, गान बने हिंदी भाषा,
अंतरराष्ट्रीय मान और, सम्मान बने हिंदी भाषा।
स्वाभिमान-सद्भाव जगाती,संस्कृति की परिभाषा हिंदी,
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।1।
गाँधीजी का सपना ही था, ऐसा हिंदुस्तान बने,
जाति-धर्म से ऊपर हिंदी, भारत की पहचान बने।
सर्वमान्य भाषा बनकर हो, पूरित जन की आशा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।2।
दुनिया भर की भाषाओं का, हिंदी में अनुवाद करें,
हम सब मिलकर विश्वमंच पर, हिंदी में संवाद करें।
निजभाषा-साहित्य-सृजन का, भाव जगाए भाषा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।3।
अन्य सभी चर्चित भाषाओं, सा ही प्यार-दुलार मिले,
विश्वपटल पर हिंदी को भी, न्यायोचित अधिकार मिले।
पूरे हों संकल्प सभी के,जन-गण-मन-अभिलाषा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।4।
हिंदी का सारी भाषाओं, से, रिश्ता है, नाता है,
भारतवंशी कहीं रहे, पर, हिंदी में इठलाता है।
समता-स्नेह-समन्वय का, संदेश बने जनभाषा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।5।
हिंदुस्तान बिना हिंदी के, अर्थहीन है, रीता है,
देश हमारा हिंदी में, सांसें ले-लेकर जीता है।
है स्वर्णिम भविष्य की सुंदर, मोहक-मधुर दिलाशा हिंदी।
बने विश्व की भाषा हिंदी, हम सब की अभिलाषा हिंदी।।6।