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बन्दर मामा मोटर लाये / कमलेश द्विवेदी
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एक पुरानी मोटर गाड़ी बन्दर मामा लाये।
जोर-जोर से हॉर्न बजाते जंगल में वह आये।
सभी जानवर हुये इकट्ठा सबने देखी मोटर।
बन्दर मामा से बोले सब-हमें घुमा दो इस पर।
नहीं किसी को बैठाऊँगा कहना नहीं दुबारा।
यह कह करके बन्दर मामा लेकर चले खटारा।
मोटर गाड़ी बंद हो गयी कुछ दूरी पर जाकर।
जानवरों को बिल्ली ने यह ख़बर बताई आकर।
सभी जानवर पहुँचे सबने धक्का एक लगाया।
जब गाड़ी स्टार्ट हो गयी मज़ा सभी को आया।
मुझको कर दो माफ़ दोस्तों-बन्दर मामा बोले।
सबको रोज़ घुमाऊँगा मैं ओले-ओले-ओले।
मोटर गाड़ी पर चढ़कर सब निकले हँसते-गाते।
सच्चे दोस्त वही होते जो काम दोस्त के आते।