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बन्द पड़ा तलघर / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
बरसों से बन्द पड़ा तलघर
सीलन से भरा
धूल ढँकी बिन कब्जों की
लकड़ी की पेटी में
रखी हैं अब तलक
पुरानी बहियाँ और चिट्ठियाँ
और एक कोने में
दीमक लगी भागवत
उखड़ी हुई जिल्द
नाना के हाथों मँढ़ी हुई।
(1985)