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बन्ना जाएगा बन्नी के लिए / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्ना जाएगा बन्नी के लिए,
अरमानों की दुनिया साथ लिए।

बाबा की खुशी का क्या कहना,
बन्ने पर आज न्योंछावर है।
ताऊ की खुशी का क्या कहना,
बन्ने पर आज न्यौछावर है।
दादी ने आशीर्वाद दिया,
चिरंजीव रहे तेरी जोड़ी।
ताई ने आशीर्वाद दिया,
चिरंजीव रहे तेरी जोड़ी।

बन्ना जायेगा बन्नी के लिए,
अरमानों की दुनिया साथ लिए।

पापा की खुशी का क्या कहना,
बन्ने पर आज न्योंछावर है।
चाचा की खुशी का क्या कहना,
बन्ने पर आज न्यौछावर है।
मम्मी ने आशीर्वाद दिया,
चिरंजीव रहे तेरी जोड़ी।
चाची ने आशीर्वाद दिया,
चिरंजीव रहे तेरी जोड़ी।

बन्ना जायेगा बन्नी के लिए,
अरमानों की दुनिया साथ लिए।

फूफा की खुशी का क्या कहना,
बन्ने पर आज न्योंछावर है।
मामा की खुशी का क्या कहना,
बन्ने पर आज न्यौछावर है।
बुआ ने आशीर्वाद दिया,
चिरंजीव रहे तेरी जोड़ी।
ममी ने आशीर्वाद दिया,
चिरंजीव रहे तेरी जोड़ी।

बन्ना जायेगा बन्नी के लिए,
अरमानों की दुनिया साथ लिए।