भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बन्ना मेरे घर आना जमाई बन के / हिन्दी लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्ना मेरे घर आना जमाई बन के
बन्ना बेंदी गढ़वाना कमाई करके
दोनों हाथों से पहनाना अरमान भर के

बन्ना मेरे घर आना जमाई बन के
बन्ना कँगना गढ़वाना कमाई करके
दोनों हाथों से पहनाना अरमान भर के

बन्ना मेरे घर आना जमाई बन के
बन्ना झूमका गढ़वाना कमाई करके
दोनों हाथों से पहनाना अरमान भर के

बन्ना मेरे घर आना जमाई बन के
बन्ना बिछुआ गढ़वाना कमाई करके
दोनों हाथों से पहनाना अरमान भर के