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बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी, बन्नी तेरी कसम याद आओगी
वहाँ सब ही पराये होगें, बन्नी तेरा न कोई होगा
सब अपनी ही अपनी कहेंगें, बन्नी तेरी न कोई सुनेगा
तब मम्मी की याद तुम्हें आएगी, बन्नी छुप छुप के आँसू बहाओगी
 
बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी, बन्नी तेरी कसम याद आओगी
वहाँ सब ही पराये होगें, बन्नी तेरा न कोई होगा
सब अपनी ही अपनी कहेंगें, बन्नी तेरी न कोई सुनेगा
तब दीदी की याद तुम्हें आएगी, बन्नी छुप छुप के आँसू बहाओगी

बन्नी तुम तो सजन घर जाओगी, बन्नी तेरी कसम याद आओगी
वहाँ सब ही पराये होगें, बन्नी तेरा न कोई होगा
सब अपनी ही अपनी कहेंगें, बन्नी तेरी न कोई सुनेगा
तब भाभी की याद तुम्हें आएगी, बन्नी छुप छुप के आँसू बहाओगी