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बन्नी हमें कॉलेज के पास मिलना / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्नी हमें कॉलेज के पास मिलना -२

मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारी बेंदी
बन्नी हमें लड़ियाँ सम्हार मिलना

बन्नी हमें----

मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारे झाले
बन्नी हमें लटकन सम्हार मिलना

बन्नी हमें-----

मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारे कंगना
बन्नी हमें चुड़ियाँ सम्हार मिलना

बन्नी हमें-----

मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारी चुनरी
बन्नी हमें साड़ी सम्हार मिलना

बन्नी हमें-----

मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारे बिछुआ
बन्नी हमें पायल सम्हार मिलना

बन्नी हमें------

मैं तो लाऊंगा बन्नी तुम्हारा डोला
बन्नी हमें एक दम तैयार मिलना

बन्नी हमें कॉलेज के पास मिलना -२