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बन्ने की शादी होवेगी, नजारा हम भी देखेंगे / हिन्दी लोकगीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्ने की शादी होवेगी, नजारा हम भी देखेंगे-२

बन्ने के सीस का सेहरा, वो लडि़यो से उलझता है,
उलझने वाली लडि़यों का नजारा हम भी देखेंगे। बने.......

बन्ने के अंग की शर्ट वो टाइयो से उलझती है,
उलझने वाली टाइयो का नजारा हम भी देखेंगे। बने.........

बन्ने के गल का डोरा वो टिकड़े से उलझता है,
उलझने वाले टिकड़े का नजारा हम भी देखेंगे। बने........

बने के संग की जोड़ी बनड़ी वो जोड़ी से उलझती है,
उलझने वाली जोड़ी का नजारा हम भी देखेंगे।

बन्ने की शादी होवेगी, नजारा हम भी देखेंगे-२