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बन्ने राजा बरात ले के आजा / हिन्दी लोकगीत

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बन्ने राजा, बरात ले के आना, ज़रा न शरमाना
तू कानपुर की रोड पर, तूझे बन्नी मिलेगी हर मोड़ पर
मैंने कहा था बाबा बराती लाना
दादी को ले आए, नचाते हुए लाए, ज़रा न शरमाये
तू कानपुर की रोड पर, तूझे बन्नी मिलेगी हर मोड़ पर

बन्ने राजा, बरात ले के आना, ज़रा न शरमाना
तू कानपुर की रोड पर, तूझे बन्नी मिलेगी हर मोड़ पर
मैंने कहा था पापा बराती लाना
मम्मी को ले आए, नचाते हुए लाए, ज़रा न शरमाये
तू कानपुर की रोड पर, तूझे बन्नी मिलेगी हर मोड़ पर

बन्ने राजा, बरात ले के आना, ज़रा न शरमाना
तू कानपुर की रोड पर, तूझे बन्नी मिलेगी हर मोड़ पर
मैंने कहा था भईया बराती लाना
भाभी को ले आए, नचाते हुए लाए, ज़रा न शरमाये
तू कानपुर की रोड पर, तूझे बन्नी मिलेगी हर मोड़ पर

बन्ने राजा, बरात ले के आना, ज़रा न शरमाना
तू कानपुर की रोड पर, तूझे बन्नी मिलेगी हर मोड़ पर
मैंने कहा था जीजा बराती लाना
दीदी को ले आए, नचाते हुए लाए, ज़रा न शरमाये
तू कानपुर की रोड पर, तूझे बन्नी मिलेगी हर मोड़ पर



इस गीत में कानपुर की जगह आप अपने शहर का नाम लेकर गायें
बन्नी-बन्ने के स्थान पर वर-कन्या का नाम भी लिया जा सकता है